Hindi fresh shayari.
किसी का नक़्श जो पल भर रहा है
आँखों में
बड़े ख़ुलूस से घर कर रहा है आँखों में .....
चला गया है तसव्वुर की सरहदों से परे
वो एक शख़्स जो अक्सर रहा है
आँखों में !
"Badi mushkil se bech pata hun dard main apna....
munaafa kam hai lekin guzara ho hi jaata hai"
सफर में हूँ जब तक उड़ान ज़िन्दा है
मेरे लिए भी एक आसमान ज़िन्दा है
शिकस्त एक लफ्ज़ है महज़,और कुछ भी नहीं
लड़ूंगा फिर से मेरी आन-बान ज़िन्दा है
जुम्बिश जिस्म में बाक़ी है आख़िरी जब तक
रहेंगे तीर तरकश में , कमान ज़िन्दा है
क़लम ख़ामोश हो जाये अगर तो रंज नहीं,
सफ़ेद-ओ-स्याह कहने को ज़बान ज़िन्दा है
खुला ऐलान कर दो फिर से दुश्मनो की महफ़िल में,
करें न जश्न्न वो ,अब तक 'अमान' ज़िन्दा है
Post a Comment